इक हसीं रात की तरह साथ वो ख़्वाब की तरह। कसमें वादे, सफर-हमसफर तुम निभा पाए क्या! जुल्फों से तेरी सिमट के, भर लेता था गहरी सांसे मैं। वो पल , समां , हलचल, याद आए क्या! मुझसे बेहतर न जानता तुम्हें, जानती हो ये बात तुम भी सनम। जान कर भी अनजान करा, तोड़कर रिश्ते जन्मों जन्म। वो रात , बेवफा मंज़र, भुला पाए क्या! मोहब्बत थी तुम जानाँ मेरी, न चाहा था तुमसे दूर जाना कहीं। कहीं दूर जाने की ज़िद में भुला दी तुमने जरूरत मेरी।। वो महीना, वो साल याद दिलाएं क्या! जवाब देना नहीं था मुझे, खोना फिर भी नहीं था तुझे, न चला मुझपे बस मेरा, था जो कभी हक मेरा। वो मोहब्बत , संग बिताई रातें, याद आई तो होंगी, पर कभी हम याद आए क्या! ©Devil 🔥 yaad aaye kya? #Broken #brokenrelationship #Relationship