मेरी बहती कविताएं यह कविताएं विशेष आकस्मिक ही निकली हैं मेरे अंतर्मन से, मैंने जब भी स्वंय को टटोलना चाहा बस अपने भीतर ऐसे ही अनेकों लयबद्ध विचारों को उपजते देखा ! मैं हमेशा कविताओं के सागर में