मयखाने में ये शाम आखिर, किस तरह से अब गुज़रेगी.......... तुम्हारी मोहब्बत की खुमारी, हमारे सर से कब उतरेगी............ तुम छोड़कर चले गए हो यहां, तन्हा हमको भरी महफ़िल में........ न जाने तुमको याद करने की, हमारी ये आदत कब सुधरेगी........ ©Poet Maddy मयखाने में ये शाम आखिर, किस तरह से अब गुज़रेगी.......... #Evening#Tavern#Survive#Intoxication#Love#Lonely#Gathering#Remember#Habit.........