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रेत पर लिखा था कुछ, पर लहरों को परवाह कहां थी, लि

रेत पर लिखा था कुछ,
पर लहरों को परवाह कहां थी,

लिखने वाले को बस लिखना आता रहा,
और लहरों को बस मिटाना आया।।

#ShubhPoetry #waiting #merikalam
रेत पर लिखा था कुछ,
पर लहरों को परवाह कहां थी,

लिखने वाले को बस लिखना आता रहा,
और लहरों को बस मिटाना आया।।

#ShubhPoetry #waiting #merikalam