आज यहाँ कल वहाँ न जाने कहाँ तेरा ठिकाना है तू एक उड़ता परिंदा है तुझे खुद नहीं मालुम कहाँ जाना है। राज मिश्रा (स्वलिखित शेर) ©Raj mishra तेरी बेवफ़ाईयाँ