न छोटा न बड़ा, ये ख्वाब तो ख्वाब होते हैं न गरीब न अमीर, ये सभी के पास होते है फर्क सिर्फ इतना सा, कोई इसे पूरा कर जाता है तो किसी का ख्वाब, बरसों अधूरा रह जाता है यह प्रतियोगिता संख्या - 19 है साहित्य कक्ष में आप सभी कवि-कवियत्री का स्वागत 🙏🏻 है। चार(4) पंक्ति में रचना Collab करें 🅽🅾🆃🅴 - अगर कोई सारे नियम और शर्तों को ध्यान में रखकर Collab नहीं करता है। उसकी रचना को प्रतियोगिता से बाहर कर दिया जाएगा। #collabchallenge