बीते कल को हमने जिया, हममें बीता कल. याद बना हर बीता लम्हा और बीता हर पल. अब वो कल का हिस्सा जो साथ गुज़ारा था, मेरा ही अतीत है वह सब याद बना हर पल. हाथ थामकर दिल की बातें ज़ुबां बताती थीं, कभी न भूलेंगे की कसमें खा ली जाती थीं, इक दोने से उठा-उठा फिर जामुन खाए थे, जुदा न होंगे की बातें फिर प्यार भरी चुहल. बैठे ठाले दिल में सजता है मेला यादों का चाहूँ भी तो भुला न पाऊं प्यार भरे वो पल. इन्हीं मधुर यादों के संग फिर गुज़रेगा कल. इन्हीं मधुर यादों के संग फिर गुज़ेगा कल. ©Shiv Narayan Saxena बीता कल.