मेरे बदमाश दिल को शरीफ़ होना है। तेरी अगुवानी में कान्हा शरीक होना है। मैं मक्ख़न और मिश्री लेकर आया हूँ ! तुझे भोग लगाके मुझे अतीक होना है। द्वापर युग में जो दे गये थे संसार को! सांख्य सन्यास योग के क़रीब होना है। कर्म की गति बड़ी गहन पर है सहज! तेरी उसी सहजता का मुरीद होना है। सोख लिए एहसास पत्थर बनादिया! चूमके पाँव तेरे मुझे हकीक होना है। ♥️ Challenge-676 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ आप सभी को कोरा काग़ज़ परिवार की ओर से श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएँ। भगवान श्रीकृष्ण आपकी सभी मनोकामनाएँ पूर्ण करें। ♥️ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।