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इंसान हूं इंसानियत का फ़र्ज़ निभा रही हूं पलकें ह

इंसान हूं इंसानियत का फ़र्ज़ निभा रही हूं
 पलकें है भिगीं  और लबों से मुस्कुरा रही हूं
सुना था ज़माने में वफा के रंग लाखों हैं
 किस रंग में वफ़ा है यही आसमा रही हूं।

©Chitra Gupta
  #Wafa ke rang
nojotouser3526892001

Chitra Gupta

Bronze Star
New Creator

#Wafa ke rang #Poetry

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