ज़िन्दगी में तेरी ही कमी है आँखों में मेरे रहती नमी है तेरी यादें दिल में पल रही हैं तेरी ही कमी अब खल रही है आँखों से आंँसू बरस रही हैं बिन तेरे आँखें मेरी जल रही हैं ज़ख्म दिल का कैसे भरेगा तुम बिन दिल हर पल रोएगा जुबां ख़ामोश आँखों में नमी कैसे कटे बिन तेरे ये ज़िन्दगी ज़िन्दगी में मेरे शामिल है आज़ हर खुशी खोखली सी हँसी होठों पर है सजा रखी ♥️ मुख्य प्रतियोगिता-1103 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।