ज़माना क्या कहेगा यूँही हम सोचते कभी नहीं ज़माने की जिसने सोची वह कर न सका खुद की सपनें हैं अगर अपने तो कशमकश भी अपनी है ज़माना हमसे नहीं न हम ज़माने के हैं Live life at your own terms