अजनबी हो जाएं हम अजनबी हो जाओ तुम फ़िर उसी शजर के नीचे मिलने आ जाओ तुम रुसवाई का दाग लगा है मुहब्बत पर हमारे वस्ल के लिए ख्वाबों में ही आ जाओ तुम खारज़ार राहें हैं अब चलना नहीं है आसान दिल के दरवाज़े खुले हैं दिल में आ जाओ तुम जुदाई में भी मज़ा है सुना है मैंने हिक़ायतों में तेरे दिल की मैं मेरे दिल की धड़कन बन जाओ तुम कैसे कह दूँ मैं कि ये दहर तेरे मेरे लायक है रात-ए-बद्र जब हो मेरा महर बन जाओ तुम फिर एक बार ख़ुदा से मुराद 'सफ़र' मांगेगा जब तलक मेरी रूह में शामिल हो जाओ तुम शजर- पेड़ खारज़ार- काँटो का रास्ता हिक़ायतों- किस्से कहानी रात-ए-बद्र- night of full moon महर- sun ♥️ Challenge-587 #collabwithकोराकाग़ज़