क्या मैं कहूँ ? क्या मैं लिखूँ ? क्या तुम मेरी खामोशी सुन सकते हो ? क्योंकी.. यहाँ बैठकर कुछ कहने की इच्छा नहीं रही.. ना ही कुछ सुनने की क्षमता बची.. सुनना चाहते हो तो ये खामोशी सुनो, यहाँ की हवा, यहाँ की दीवानगी सुनो.. यहाँ का चुलबुलापन, तो यहाँ की शांति में रमो.. है क्या ऐसा कुछ.. की इन सब लम्हों को में समेट लूँ ऐसे जैसे सूरज समेटता है अपनी रोशनी, ताकि रात का रंग चढ़ सके.. कैसे कहूँ..? की कैसा एहसास है ये.. 'गर हो सके.. तो सुन लो मेरी खामोशी में.. (Quote125) #बनारस_का_घाट #अस्सीघाट #banarasghat #life #peaceofmind #banarasprem #yqbaba #yqdidi