White ईश्वर के इस जग विधान का, ईश्वर भाग्यविधाता है। पाप-पुण्य से अलग आत्मा, ईश्वर रूप कहाता है।। वर के मद में चूर मगर जब, ईश्वर से टकराता है। ईश्वर जिसे दंड देता है, उसको कौन बचाता है।। ©Shiv Narayan Saxena #Sad_Status ईश्वर दंड जिसे देता है hindi poetry