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मैं जब भी तेरे पास आकर बैठता हूँ मेरी यह धारणा चूर

मैं जब भी तेरे पास आकर बैठता हूँ
मेरी यह धारणा चूर-चूर हो जाती है कि-
मोहब्बत अब दिलों में नहीं रही लेकिन-
तुझमें मुझे मजनूँ की लैला नज़र आती है।

ज़माना बदला तो उसके साथ
मोहब्बत का मिज़ाज भी बदल गया।
वादे वफ़ा निभाने का अब तो
लगता है रिवाज़ भी बदल गया।

कभी जो 'जज़्बा' होता था
पर्दानशीं इश्क़ में-
संग जीने मरने का
लगता है वो क़िस्सा बदल गया। ♥️ Challenge-650 #collabwithकोराकाग़ज़ 

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मैं जब भी तेरे पास आकर बैठता हूँ
मेरी यह धारणा चूर-चूर हो जाती है कि-
मोहब्बत अब दिलों में नहीं रही लेकिन-
तुझमें मुझे मजनूँ की लैला नज़र आती है।

ज़माना बदला तो उसके साथ
मोहब्बत का मिज़ाज भी बदल गया।
वादे वफ़ा निभाने का अब तो
लगता है रिवाज़ भी बदल गया।

कभी जो 'जज़्बा' होता था
पर्दानशीं इश्क़ में-
संग जीने मरने का
लगता है वो क़िस्सा बदल गया। ♥️ Challenge-650 #collabwithकोराकाग़ज़ 

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