तुझे नहीं पता एक जलाशय है मेरी आँखों में, तुझे नहीं पता ना देखूं तुझे कुछ दिन तो ये सूख जाता है... ज़रा सोचो कैसे पथराई, सूखी, झूठी मुस्कुराती आँखें लिए घूम रहा हूंगा मैं अब...सुनो नयी नयी खुशबुएं बन जो महकते रहते हो मुझमें, कभी कभी नए नए रूपों में आकर बरस भी जाया करो...ज़िंदा रहेंगे तभी सुगंध सुगंध रहेगी, मरी हुई चीज़ों की तो सुगंध भी दुर्गन्ध में बदल जाती है... जलाशय = Pond of water सुगंध = Fragrance दुर्गन्ध = Smell Hope all of you fellas are doing fine...thanks for remembering friends... #modishtro #deepakkanoujia #pradhunik #shivparvati #eyesquotes #eyelover #mahadev #gaurishankar