दोहे- मजबूरी में चल रहे,पैदल घर की ओर । खाने को मिलता नही, ना रहने की ठौर ।। बच्चे पैदल चल रहे, हुए भूख बदहाल । राह चलते निकल गई, पैरों मेसे खाल ।। तन में शक्ति नही रही, प्यासे सूखे होठ । ऐसी विपदा आ पड़ी, नही पास में नोट ।। #Hope chanu meena Rashmi Nayak Anshu hindhi shayari and poems Reetika Joshi Namita Sharma