कैसे इस अटूट रिश्ते को इतनी आसानी से जाने दिया,
कैसे मैंने तेरी यादों से अपना इत्तेफाक भी भुला दिया||
तुम्हारे लिए तो ये महज़ सवाल था,
और मेरे लिए मेरा पूरा वजूद,
तुझसे मिलने से पहले एक रिश्ता मेरा खुद से था,
थोड़ा सरल, थोड़ा अटूट, थोड़ा अटपटा पर मेरा अपना सा था,
तेरे रिश्ते ने मेरे इस अपने रिश्ते का वजूद ही मिटा दिया,
अब जो आईने में दिखा वो तो मेरा था ही नहीं, #Hindi#maa#yourquote#yqdidi#shringar#richabhatiaquotes#richabhatiawrites