आंतरिक यात्रा की पगडंडी आस्था की पगडंडी है आस्था स्वयं में शेष अनुशीर्षक में आस्था की पगडंडी...... मन तूने जो राह चुनी कठिन डगर है धीरज धरना ही होगा पग पग शूल मिलेंगे कांटों पे चलना ही होगा परिस्थितियां प्रतिकूल मिलेंगी विरोध, क्रोध, अपमान, तिरस्कार