कोशिश की हमने बहुत, पर वो मुकाम पा ना सके। चलते रहे राह-ऐ-कदम पर, साहिल तक जा ना सके। बढ़ते रहे हमारे कदम, धीरे-धीरे मंज़िल की ओर। मुकद्दर में था जो लिखा, उसको हम झुठला ना सके। 🎀 Challenge-376 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है। 🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। 4 पंक्तियों अथवा 35 शब्दों में अपनी रचना लिखिए।