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तृष्णा मोह ना छूटे मोह से ,का तो करूं जतन कुंठित म

तृष्णा मोह ना छूटे मोह से ,का तो करूं जतन
कुंठित मस्तिष्क, विचलित है मन।
द्वेष भाव भीतर बसो ,बेशक सुंदर तन
अहम नीचता दे रहो, ना मिलिहें भगवन!

©शून्य #कटु #सत्य 

#जीवन #Reality 

#peace #Happiness #Satisfaction #thought #Emotion #Feeling
तृष्णा मोह ना छूटे मोह से ,का तो करूं जतन
कुंठित मस्तिष्क, विचलित है मन।
द्वेष भाव भीतर बसो ,बेशक सुंदर तन
अहम नीचता दे रहो, ना मिलिहें भगवन!

©शून्य #कटु #सत्य 

#जीवन #Reality 

#peace #Happiness #Satisfaction #thought #Emotion #Feeling