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मेरे अंदर जो आवाज़ है फ़क़त वो ही मेरा मज़हब है मैं



मेरे अंदर जो आवाज़ है
फ़क़त वो ही मेरा मज़हब है
मैं और ख़ुदा साथ साथ हैं
सुनता रहूंगा बोलते हुए इसे जब तक  5/10/22


मेरे अंदर जो आवाज़ है
फ़क़त वो ही मेरा मज़हब है
मैं और ख़ुदा साथ साथ हैं
सुनता रहूंगा बोलते हुए इसे जब तक  5/10/22

5/10/22