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मेरा क्या था सब तुम्हारा ही तो था। तेरे साथ चल दिए

मेरा क्या था सब तुम्हारा ही तो था।
तेरे साथ चल दिए बस एक ईशारा ही तो था।
फिक्र थी किसे जब फर्क की फितरत हो गई।
मिट गए किनारे छीन गए सहारे पहले भी ये दिल तुम्हारे लिए हारा ही तो था।
शायर: शैलेन्द्र सिंह यादव, कानपुर।

©Shailendra Singh Yadav
  शैलेन्द्र सिंह यादव की शायरी।

शैलेन्द्र सिंह यादव की शायरी।

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