वक्त युहीं निकलता गया । मेरी यादो का बस्ता भरता गया। बनावटी इस दुनिया मे। अपना मन भरता गया । ज़िन्दगी को देखा एक पहेली की तरह थोड़ा वक्त लगा मगर में वो भी समझ गया कुछ नए रिश्ते बनाये । कुछ पुराने छूट गए ।