Nojoto: Largest Storytelling Platform

"अनभिज्ञता का आवरण लिए अब और चुप नहीं बैठ सकते हम"

"अनभिज्ञता का आवरण लिए अब और चुप नहीं बैठ सकते हम"

I performed this poetry on Raipur's 2nd OPEN MIC, Read full poetry in caption

( सभी प्रकार के सामजिक बुराइयों और कुरीतियों को एक ही कविता में पिरो कर एक तरह की खिचड़ी लिखने की कोशिश मैंने की है ) लिप्त हैं आज हमारे समाज मे 
हजारो बुराइयाँ लाखों में कुरीतियां उनमें से-
कुछ छपती है अखबारों में
कुछ दिख जाती है आम बाजारों में
कुछ बिकती है पैसों में
कुछ करा जाती है गरीबी में
कुछ भुखमरी से उपजती है
कुछ फैलती है गंदे संगती में
"अनभिज्ञता का आवरण लिए अब और चुप नहीं बैठ सकते हम"

I performed this poetry on Raipur's 2nd OPEN MIC, Read full poetry in caption

( सभी प्रकार के सामजिक बुराइयों और कुरीतियों को एक ही कविता में पिरो कर एक तरह की खिचड़ी लिखने की कोशिश मैंने की है ) लिप्त हैं आज हमारे समाज मे 
हजारो बुराइयाँ लाखों में कुरीतियां उनमें से-
कुछ छपती है अखबारों में
कुछ दिख जाती है आम बाजारों में
कुछ बिकती है पैसों में
कुछ करा जाती है गरीबी में
कुछ भुखमरी से उपजती है
कुछ फैलती है गंदे संगती में

लिप्त हैं आज हमारे समाज मे हजारो बुराइयाँ लाखों में कुरीतियां उनमें से- कुछ छपती है अखबारों में कुछ दिख जाती है आम बाजारों में कुछ बिकती है पैसों में कुछ करा जाती है गरीबी में कुछ भुखमरी से उपजती है कुछ फैलती है गंदे संगती में #OpenMIC #yqdidi #आवरण #खिचड़ी #अनभिज्ञ #raipuropenmic