इस ज़हा से उस ज़हा तक जाती है तेरी राह से अपनी राह टकराती है संग संग साया बन चलता हमारे संग वो हमारी परछाईया जो दीखता नही कोई रंग हर सपने संग लेती अंगराई बदलती नही कभी अपना ढंग जितना देखू उतना उभरती है हमारी परछाईया हर दिन के उजाले में छिप जाती मगर रात के अँधेरे में नही छोडती कभी साथ हमारी।। #परछाइयाँ #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi