तेरी यादों की तड़प हमको दिन-रात तड़पाती है, भूलना भी चाहे गर तुझे तो यादें याद दिलाती है। तेरी यादें रह रहकर हलचल मचाती ही रहती हैं, हम जाना चाहते हैं दूर हमको बुलाती रहती हैं। कभी-कभी यादें तेरी दिल को गुदगुदा जाती हैं, पर कभी-कभी बेतहाशा दिल को रुला जाती हैं। यह यादें बड़ी बेशर्म है बिन बुलाए ही आ जाती हैं, रहती है दिल के कोने में छुपकर जाती भी नहीं है। कोई तो हमें यादों से दूर रहने का उपाय बता दो, कोई तो पुरानी यादें भुला कर नई यादें बना दो। ♥️ Challenge-496 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ इस विषय को अपने शब्दों से सजाइए। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।