"एक ख्वाहिश है, कि तेज से बारिश आए मैं सोया रहूं समुद्र के लहरों पर यूं आराम से। "समुद्र में तो, बार-बार गोता लगाया बारिश आई नहीं और मैं बैठा रहा वही कल शाम से।। ©Abhishek tripathi#chgr@c #horizon