मुझे दूर करने की तु सारी कोशिशें कर गई,
तुझे पाने की मेरी ही सारी ख़्वाहिशें मर गई,
मोहब्बत जिस्म से करने वाले क्या समझेंगे,
वो पाक मासूम रूह थी छूते ही डर गई,
बड़ा अजीब रिश्ता रहा मेरा अपनो के साथ,
भला बुरा कहते मुझे आखें माँ की भर गई, #Shayari#nojotophoto#रज़ा