तुमसे बातें खुद में करती हूँ, दिन रात सुबह शाम तुझ में ढलती हूँ, तू अबकी बरस आएगा, यही इंतज़ार करती हूँ, तुमसे बातें खुद में करती हूँ। तुमसे बातें खुद में करती हूँ, तुमसे दिल अपना अलग करने की कोशिश करती हूँ, तू कामभक्त हैं फिर भी नहीं जाता, हर रोज़ मुझमें भर सा जाता हैं तू, तुमसे बातें खुद में करती हूँ। तुमसे बातें खुद में करती हूँ, हर शाम गुज़री तुम्हारी बाहोँ में, आज भी तन्हाई में जी उठती हूँ, कुछ सुकून सा मिलता हैं, तुम्हारे एहसास से, तुमसे बातें जो खुद में करती हूँ। #yqdidi #tumse #baatein #love #pain #raat #din #hindi #dhalti #yaad