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रुक सकता नहीं, अब इक पहर कर लिए, राह दिखती नही, अब

रुक सकता नहीं, अब इक पहर कर लिए,
राह दिखती नही, अब गुज़र बसर के लिए..

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रुक सकता नहीं, अब इक पहर कर लिए, राह दिखती नही, अब गुज़र बसर के लिए.. ग़ज़ल शायरी ghazal Shayari

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