करुँ तो कैसे करूँ खुद को काबिल तेरे लिए ,
अगर बदलूँ आदतें तो तेरी शर्ते बदल जाती हैं,
दूर करना हो खुदसे तो कोई तुझसे सीखे ,
बेचैनी में तेरी , पूरी पूरी रात ढल जाती है ,
सब टूट के बिखर जाता है आशिक़ों का इस दौर में ,
यहां २-३ हफ्तों में तो माशूका तक बदल जाती है। #Shayari