एक तन्दरुस्ती , हजार नियामत । इसके बिना, ज़िन्दग़ी क़यामत । रूह का यह तो, आशियाना है। हमारा फर्ज , इसे सजाना है। सुबह होती है, और शाम होती है । ख़ुदग़र्ज़ ज़िन्दग़ी , नाकाम होती है । यह ज़िन्दग़ी, मानिन्द शमा हो । ख़ुद यूँ जले, रोशन जहाँ हो । "फिराक़,"ये ज़िन्दग़ी , इक सरमाया है । जिसने खोया है , उसी ने इसे पाया है । नमस्कार लेखकों🌸 आज के #rzdearcharacters में हम लेकर आये हैं #rzप्रिय_स्वास्थ्य✨ मनुष्य का सबसे सच्चा साथी उसका स्वास्थ है, जिस दिन स्वास्थ ने साथ छोड़ा, मनुष्य हर रिश्ते पर बोझ बन जाता है। Collab करें हमारे इस खास पोस्ट पर और अपने विचार प्रकट करें।