मुश्किलों का दौर जब भी , मेरे जीवन में आता है। तब भवसागर में गुरुवर, केवल तू ही नजर आता है। तेरे स्मरण मात्र से ही, मुश्किलों का दौर भी, सरलता में बदल जाता है। फिर भी कितना तुच्छ ठहरा मानव, जो तुम्हें पहचान नहीं पाता है।। ©Raunak Porwal मुश्किलों का दौर