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#नन्हे - नन्हे सपने # नन्हे नन्हे सपने लेकर

#नन्हे  - नन्हे सपने #


नन्हे नन्हे सपने लेकर                                                                   
इस पावन धरा पे आया हूँ।                                                            
करना है कुछ काम बड़ा।                                                               
 मन मे ठान कर आया हूँ।                                                               

     देख दुनिया के रवय्ये को                                                                    
                                       शांत मन से बैठा हूँ                                                                                                              
                                                     सोच रहा हूँ मुसीबतें बहुत हैं।                                                                                                              
                                                    पर दृढ़ संकल्प लिए आया हूँ।                                                                                                            

                                                                                                              
                                       हार न मानना कभी                                                                                                             
                                       यही सीख के आया हूँ।                                                                                                        
                      करके कुछ काम बड़ा।                                                                                        
मन मे ठान कर आया हूँ                                                                   


         बचपन के वो नन्हे सपने।                                                                       
       पूर्ण मुझे उन्हें करना है                                                                         
 उन सपनों को पूर्ण करने                                                                 
      मैं सबको बतलाने आया हूँ।                                                                  


                                                           शिक्षा का जो स्वाद चखा है।                                                                                                                       
                                        सिद्ध उसे करना है।                                                                                                                 
                                                भारत माँ के गौरव को                                                                                                                      
                                                 ऊँचा उन्हें करने आया हूँ                                                                                                                     

       ज़िंदा है जब तक तब तक                                                                         
        जी जान लगानी है                                                                                     
         भारत माँ के सम्मान को                                                                               
               उज्जवलित करने आया हूँ                                                                                  
 
                                                           नमन है मेरा उन  फौजी भाइयों को
                                               जो देश सेवा में समर्पित  है 
                                             उन भारत माँ के सपूतो का
                                          हौसला बढ़ाने आया हूँ ।।

करने को कुछ काम बड़ा         
इस धरा पर आया हूँ ।।     


                                                     ✍️ नरेश चंद #नन्हे सपनें
#नन्हे  - नन्हे सपने #


नन्हे नन्हे सपने लेकर                                                                   
इस पावन धरा पे आया हूँ।                                                            
करना है कुछ काम बड़ा।                                                               
 मन मे ठान कर आया हूँ।                                                               

     देख दुनिया के रवय्ये को                                                                    
                                       शांत मन से बैठा हूँ                                                                                                              
                                                     सोच रहा हूँ मुसीबतें बहुत हैं।                                                                                                              
                                                    पर दृढ़ संकल्प लिए आया हूँ।                                                                                                            

                                                                                                              
                                       हार न मानना कभी                                                                                                             
                                       यही सीख के आया हूँ।                                                                                                        
                      करके कुछ काम बड़ा।                                                                                        
मन मे ठान कर आया हूँ                                                                   


         बचपन के वो नन्हे सपने।                                                                       
       पूर्ण मुझे उन्हें करना है                                                                         
 उन सपनों को पूर्ण करने                                                                 
      मैं सबको बतलाने आया हूँ।                                                                  


                                                           शिक्षा का जो स्वाद चखा है।                                                                                                                       
                                        सिद्ध उसे करना है।                                                                                                                 
                                                भारत माँ के गौरव को                                                                                                                      
                                                 ऊँचा उन्हें करने आया हूँ                                                                                                                     

       ज़िंदा है जब तक तब तक                                                                         
        जी जान लगानी है                                                                                     
         भारत माँ के सम्मान को                                                                               
               उज्जवलित करने आया हूँ                                                                                  
 
                                                           नमन है मेरा उन  फौजी भाइयों को
                                               जो देश सेवा में समर्पित  है 
                                             उन भारत माँ के सपूतो का
                                          हौसला बढ़ाने आया हूँ ।।

करने को कुछ काम बड़ा         
इस धरा पर आया हूँ ।।     


                                                     ✍️ नरेश चंद #नन्हे सपनें