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काँटों के दरमियाँ इक हुस्न लाज़वाब है कितने अहसासो

काँटों के दरमियाँ इक हुस्न लाज़वाब है
कितने  अहसासों  की  ज़ुबाँ  ग़ुलाब  है !

मन  मोह  लेता है बस  नज़र पड़ते  ही
कितने  रंगों में  ढला शगुफ़्ता शबाब है !

चढ़के  नशा बोलता  तेरे हुस्न का  अब
पैमाने में जैसे कोई साँस लेती शराब है !

एक नज़र है  एक  नज़रिया  भी सनम
महज़ फूल नहीं मुहब्बत का आदाब है !

बातें हज़ार कहके भी कुछ कह न सके
मलय  रास्ता  बस  एक लाल ग़ुलाब है !

©malay_28 #ग़ुलाब

#roseday
काँटों के दरमियाँ इक हुस्न लाज़वाब है
कितने  अहसासों  की  ज़ुबाँ  ग़ुलाब  है !

मन  मोह  लेता है बस  नज़र पड़ते  ही
कितने  रंगों में  ढला शगुफ़्ता शबाब है !

चढ़के  नशा बोलता  तेरे हुस्न का  अब
पैमाने में जैसे कोई साँस लेती शराब है !

एक नज़र है  एक  नज़रिया  भी सनम
महज़ फूल नहीं मुहब्बत का आदाब है !

बातें हज़ार कहके भी कुछ कह न सके
मलय  रास्ता  बस  एक लाल ग़ुलाब है !

©malay_28 #ग़ुलाब

#roseday