तुम्हारी सुंदरता से पृथक की मैंने तुम्हारी जटिलता.. तुम्हारे शब्दों से तुम्हारा मौन, हँसी से तुम्हारी गहराई, और हृदय की रिक्तता से तुम्हारी गहनता को.. मैंने अपने पास रख ली है तुम्हारी जटिलता, तुम्हारा मौन, तुम्हारी गहराई और गहनता... मुझे प्रेम इन्हीं से तो था.. #काफ़िर तुम्हारी सुंदरता से पृथक की मैंने तुम्हारी जटिलता.. तुम्हारे शब्दों से तुम्हारा मौन, हँसी से तुम्हारी गहराई, और हृदय की रिक्तता से तुम्हारी गहनता को.. मैंने अपने पास रख ली है तुम्हारी जटिलता, तुम्हारा मौन,