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तुम्हारी याद के ज़ख्म जब भरने लगते है किसी बहाने तु

तुम्हारी याद के ज़ख्म जब भरने लगते है
किसी बहाने तुम्हे याद करने लगते है

                              - फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
तुम्हारी याद के ज़ख्म जब भरने लगते है
किसी बहाने तुम्हे याद करने लगते है

                              - फ़ैज़ अहमद फ़ैज़