नफरतों का जमाना है बच के रहा करो बेचैनियां बहुत आला है देख के रहा करो अपनी दरों दीवार से लगाकर तुझे रख्खा है लोगों की नजरें खराब है छुप के रहा करो घर के दरवाजे पर पर्दे सभी लगा लो अपने लोग यहां वेहसी दरिंदें है संभल के रहा करो नियत कब खराब हो जाए कौन जानता है लोगों से कम मिलो तुम सजक के रहा करो किसको कौन तोहमत लगाएं यहां पर अब मयार देखो सब कह देते है जान के रहा करो अपने रुठे को मनाने में जुटे रहते है हर दम आरिफ सब झूठे मक्कार है बच के रहा करो नफरतों का जमाना है बच के रहा करो बेचैनियां बहुत आला है देख के रहा करो अपनी दरों दीवार से लगाकर तुझे रख्खा है लोगों की नजरें खराब है छुप के रहा करो घर के दरवाजे पर पर्दे सभी लगा लो अपने लोग यहां वेहसी दरिंदें है संभल के रहा करो