आंखों पे बंधी पट्टी हमारी भी खुली जिनसे समझ बैठे से दोस्ती , उनसे तो सिर्फ पहचान निकली पर आखिर सच्चाई तो दफ्तर छोड़ने पर पता लगी । #दोस्ती #दफ्तर