अपनी फ़ितरत, कैसे छोड़ दूँ ख़्वाबों में उम्मीदों के रंग भरना कैसे छोड़ दूँ, हौसले हैं बुलंद, तो आगे बढ़ना कैसे छोड़ दूँ, जब तूफ़ान तरस खाता ही नहीं हालातों पर, फ़िर मैं थककर, कोशिशें करना कैसे छोड़ दूंँ.! IG :— @my_pen_my_strength ©Saket Ranjan Shukla अपनी फ़ितरत, कैसे छोड़ दूँ..! . ✍🏻Saket Ranjan Shukla All rights reserved© . Like≋Comment Follow @my_pen_my_strength .