'क़लम-ए-राही' की मांग है 'वक्त' के साथ 'पेचीदा' होने की, यही 'वजह' है कि 'स्याही' इसकी कभी 'ख़त्म' नहीं होती। #क़लम_ए_राही #मांग #वक्त #पेचीदा #वजह #स्याही #ख़त्म