शहर की उस धूप में बदली की छांव दिल के खुले दरवाजे चले आना दबे पांव, बैठ तन्हा तारों की छांव में अल्फाज बुदबुदाएंगे जैसे जमीं आसमां यहीं मिल जाएंगे, रंग इश्क के,दस्तूर बनेंगे