मैं खुश होता हूँ वो वजह पूछ लेती है हिंदी सी सरल है मगर गणित सा कठिन सवाल कर लेती है। प्रेम के वृत में केंद्र बनकर मैं गया वो भी सम्मुख त्रिज्या बनकर आयी वृत्त का अस्तित्व जिस तरह केंद्र और त्रिज्या से है मेरे जीवन की गणित में कुछ ऐसे ही है वो समायी। धनात्मक ऋणात्मक पूर्णांक रेखा पर शून्य तक बढ़ते हुए सरल से सरलतम बनकर जवाब देती है हिंदी सी सरल है मगर गणित सा कठिन सवाल कर लेती है।। ©Poonam sahu #Books #Nojoto #nationalmathematicsday