Unsplash सर्दी में प्रकृति के भी अजब नजारे हैं चारों तरफ धुआ धुआ धुंध की बौछारें हैं ओढ़ रखी है पेड़ों में भी बर्फ की चादर ठंड से कम्पकपाते होंठ प्रीतम को पुकारे हैं। ©Vijay Vidrohi #snow December poetry in english urdu poetry sad poetry for kids poetry in hindi Aaj Ka Panchang