Nojoto: Largest Storytelling Platform

तपती धुप में कुछ छाव सी हु बहती धारा मे ठहराव

तपती धुप  में  कुछ छाव  सी  हु 
बहती धारा मे ठहराव  सी हू
सुबह का सूरज नही रात  का चाँद  हू  मै 
अल्हड़  सी कोई धुन नही संगित का ठहराव हु मैं 
 शीतल  आकाश  नही मैं  तपती  धरती सी बेहाल हू
 कोई देवी सी नही मैं सीता का वो त्याग हू
मैं  ममता की  कोई  मूरत नही मैं  लक्ष्मण  की वो रेखा हू
मैं फुलो का गुलदास्ता नही मैं काटा नुकिला हू
हू अबला वी मैं  हू नारी भी 
तेरी  सोच  मे लिपटी वो काली नागिन भी 
मै फुलो की सेज नही मैं हू तीरो  की सैया सी 
मैं हवा नही तुफान हू
मैं  तो बस  बदलता  संसार हूँ...................
तपती धुप  में  कुछ छाव  सी  हु 
बहती धारा मे ठहराव  सी हू
सुबह का सूरज नही रात  का चाँद  हू  मै 
अल्हड़  सी कोई धुन नही संगित का ठहराव हु मैं 
 शीतल  आकाश  नही मैं  तपती  धरती सी बेहाल हू
 कोई देवी सी नही मैं सीता का वो त्याग हू
मैं  ममता की  कोई  मूरत नही मैं  लक्ष्मण  की वो रेखा हू
मैं फुलो का गुलदास्ता नही मैं काटा नुकिला हू
हू अबला वी मैं  हू नारी भी 
तेरी  सोच  मे लिपटी वो काली नागिन भी 
मै फुलो की सेज नही मैं हू तीरो  की सैया सी 
मैं हवा नही तुफान हू
मैं  तो बस  बदलता  संसार हूँ...................