जिगर का टुकड़ा अक्सर कहती माँ मुझसे, जिगर का टुकड़ा चाँद से भी प्यारा हैं तु, तेरा बजुद मुझसे, मैरा अक्स मैरा सहारा हैं तु, तुझमें बहता लहू मेरा, मेरी चेहरे की लालिमा हैं तु, अनजाने सी भीड़ में जो दिखता मुझे, वो मेरा सांया है तु, तुझमें मैं और मुझमें समाया हैं तु, हा हर माँ कहती मेरा जिगर का टुकड़ा चाँद से भी प्यारा हैं तु। #nojotoApp #nojotohindi #Decemberchallenge #Day16 #poetry #Hindi