एक दिन का जिंदगी था । कोई दिल बनके आया था। ठेस लगा था मुझे, कोई दोस्त ने गिरने से बचाया था होठो पे मुस्कान लाके वक्तो के साथ चलना सिखाया था । जो मेरे दर्द को आपना लेता आपने सुख बांटा करता था वो दोस्ती की हर शर्त को जानता था आपने मां-पापा के बाद हमसे प्यार करता था _ABHIJIT,SHIVAM,KUNDAN,SATYAM,GOPI,SURAJ,KITTU ©POET MANISH SHARMA #दोस्ती पर कविता POET MANISH SHARMA #Pyardosti