White मै ख़ुद कहता हूँ मैं ने ही समझा नहीं तूने समझा हैं तो मैं भी कुसूरवार नहीं चेहरा कभी आँखों से ओझल ना हुआ कहता हैं तू मिरा अब वो तलबगार नहीं खुमार-ए-इश्क़ में ख़ुदा दिखा ना-इंसा जिसके लबों पर मिरा वो अब नाम नहीं मिरे छत का क़मर अब फीका-सा लगे ग़र लफ्ज़ो में उसके वो जज़्बात नहीं फ़ना हो गया आशिक़ मोहब्बत में कुमार सुना हैं शायरों के बस की वो बात नहीं — Kumar✍️ ©The Unstoppable thoughts #Thinking #Nojoto #nojotowriters #nojotohindi #poem #Poetry #gazal #sadpoetry