14/11/2022 ✍️ #नाता ✍️ मैं भी हर बार मुस्कुराता रहा वो भी बेशक मुझे सताता रहा मेरे सीने के जख्म को पढ़ने रोज नजदीक मेरे आता रहा मारकर जिंदा किया फिर मारा वो एक किस्सा ही आता जाता रहा मर गए कई गांव यूं भूखों राजा दीवार-ओ-दर सजाता रहा बूढ़े हो-होके चल दिये बच्चे मदारी खेल ही दिखाता रहा वही तो तोड़ेगा नाते को विनय वो जो नाता बड़ा दिखाता रहा ©writervinayazad 14/11/2022 ✍️ #नाता ✍️ मैं भी हर बार मुस्कुराता रहा वो भी बेशक मुझे सताता रहा मेरे सीने के जख्म को पढ़ने रोज नजदीक मेरे आता रहा मारकर जिंदा किया फिर मारा वो एक किस्सा ही आता जाता रहा